
इस आर्टिकल में मूल्यांकन, आकलन तथा मापन (Evaluation, Assessment, and Measurement) के बारे में विस्तार से बताया गया है।
हम मूल्यांकन, आकलन तथा मापन (Evaluation, Assessment, and Measurement) के माध्यम से जानेंगे कि ये तीनो पद किस तरह एक दूसरे से अलग हैं और किस तरह इनका इस्तेमाल किया जाता है।
मूल्यांकन का अर्थ
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मूल्यांकन के द्वारा कौन-सी चीज़ अच्छी है और कौन-सी चीज़ बुरी, इसके बारे में बताया जाता है; इसके द्वारा गुणात्मक तत्वों को संख्यात्मक रूप बताया जाता है।
यह विद्यार्थियों की आदतों एवं अध्यापकों की शिक्षण विधियों को अत्यधिक प्रभावित करता है।
इससे विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास की जानकारी भी मिलती है।
और इसके द्वारा अध्यापक की शिक्षण विधियों की सफलता और असफलता के बारे में भी पता लगाया जाता है।
मूल्यांकन की परिभाषाएं
मोफेट के अनुसार– “यह एक सतत प्रक्रिया है और इसका सम्बन्ध विद्यार्थियों की केवल औपचारिक शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ नहीं है; बल्कि इसके क्षेत्र अधिक व्यापक हैं।
यह व्यक्ति की भावनाओं,चिंतन तथा कार्यों से सम्बंधित वांछित व्यवहारिक परिवर्तन के विकास में रुचि लेता है।”
जॉन.यू. माइकलिस के अनुसार– “मूल्यांकन ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा इस बात का निश्चय किया जाता है कि लक्ष्यों की प्राप्ति कहाँ तक हुई? इससे शिक्षण के परिणामों को जांचने के लिए अध्यापक, बच्चों, प्रिंसिपल तथा अन्य स्कूल -सम्बन्धी व्यक्तियों द्वारा प्रयुक्त सभी प्रकिर्याएँ सम्मिलित हैं।”
दांडेकर के अनुसार– “मूल्यांकन क्रमबद्ध ढंग से हमें यह बताता है कि बालक ने किस सीमा तक उद्देश्य को प्राप्त किया है।”
कोठारी कमीशन के अनुसार “अब यह माना जाने लगा है कि मूल्यांकन एक अनवरत प्रक्रिया है ,यह सम्पूर्ण शिक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग है और शिक्षण लक्ष्यों से घनिष्ट रूप से सम्बंधित है।”
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् के अनुसार– “मूल्यांकन एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा यह ज्ञात किया जाता है कि उद्देश्य किस सीमा तक प्राप्त किये गए है। शिक्षा में दिए गए अधिगम अनुभव कहाँ तक प्रभावशाली सिद्ध हुए हैं और कहाँ तक शिक्षा के उद्देश्य पूर्ण किये गए हैं।”
उपर्युक्त परिभाषाओं के माध्यम से कहा जा सकता है कि-
मूल्यांकन का कार्य छात्रों में मानसिक ,शारीरिक एवं संवेगात्मक विकास का मार्गदर्शन करना है; तथा उनकी शक्तियां और कमियों की जानकारी देना है।
इसके द्वारा छात्रों के व्यवहार में हुए परिवर्तनों का भी पता चलता है; मूल्यांकन में विभिन्न विषयों के शिक्षण द्वारा छत्रों के व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि मूल्यांकन वह है, जिसके माध्यम से आवश्यक सूचनाएं प्राप्त की जाती हैं।
और इसका प्रयोग निर्णय आदि लेने में भी किया जाता है।
आकलन का अर्थ
हुबा और फ्रीड के अनुसार “आकलन सूचना संग्रहण तथा उस पर विचार विमर्श की प्रकिर्या है, जिन्हें हम विभिन्न माध्यमों से प्राप्त करके ये समझ सकते हैं कि विद्यार्थी क्या जानता है, समझता है, अपने शैक्षिक अनुभवों से प्राप्त ज्ञान को परिणाम के रूप में व्यक्त कर सकता है जिसके द्वारा छात्र अधिगम में वृद्धि होती है।”
आकलन के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यह आर्टिकल (आकलन क्या है?) पढ़ सकते हैं।
मापन का अर्थ
मापन में आकड़ों को एकत्रित किया जाता है; यह किसी वस्तु का आंकिक या अंकात्मक रूप है।
मापन व्यक्ति के मूल्यांकन में सहायता करता है।
उत्तरपुस्तिका या परीक्षा को जांचना तथा उसमें अंक प्रदान करना मापन का उदाहरण है।
आकलन, मापन तथा मूल्यांकन में अंतर–
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